सोचा ना था
रहते हे लोग अक्सर सफर में
मंजिल मिलना मुश्किल हो जाए तो
क्या अंजाम होगा?
ये सोचा ना था, कभी हमने।
आवाज देते रहे जिसे हम अक्सर
वो आयेगा नही कभी।
हमें खुद जाना होगा उसके पास
ये सोचा ना था, कभी हमने।
जिसके बारे में हमने, कभी शोचा भी नही
वो एक दिन, जिन्दगी में, यू ही चला आयेगा।
ये सोचा ना था, कभी हमने।
प्यार का नाम देते रहे जिसे हम अक्सर
वो एक दिन बदनूमी के दाग देगा।
ये सोचा ना था, कभी हमने।
यू तो आये लाखों जिन्दगी में, खवाब की तरहा
कौन-सा सपना सच्च होगा।
ये सोचा ना था, कभी हमने