सोचा क्या ?
🦚
सोचा क्या
व्याभिचार व्यापार बना क्यों, सोचा क्या ?
अनाचार है खड़ा तना क्यों , सोचा क्या ?
द्वेष भाव का चटक रंग फिर , दमका क्यों ?
लालच का घट भरा घना क्यों, सोचा क्या ?
🌹
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
🪷🪷🪷
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सोचा क्या
व्याभिचार व्यापार बना क्यों, सोचा क्या ?
अनाचार है खड़ा तना क्यों , सोचा क्या ?
द्वेष भाव का चटक रंग फिर , दमका क्यों ?
लालच का घट भरा घना क्यों, सोचा क्या ?
🌹
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
🪷🪷🪷