सोचने वाली बात है ##
!! सोचने वाली बात है !!
!! जब हम कहते है कि बेटा और बेटी एक बराबर है !!
!! तो एक बराबर समझते क्यो नही ,!!
!! क्यों लड़की की शादी होते ही हम पराया समझ लेते है!!
!! उसके उपर कोई दुःख परेशानी आती है !!
!! तो हम ये सोचते हैं कि उसका पति हैं !!
!! वो सम्भालेगा उसके सास ससुर हैं !!
!! क्यों नहीं माँ बाप सामने से कहते हैं कि हम हैं !!
!! अगर किसी लड़की की शादी किसी बेरोजगार लड़के !!
!! से हो जाती हैं और उसे नौकरी नहीं मीली तो वो लड़की !!
!! गरीबी से अपनी जिदंगी गुजार रही हैं !!
!! तब क्यों नहीं लड़की के माँ बाप ये सोचते हैं !!
!! की दामाद को कोई रोजगार ही करवा दे !!
!! जिससे कम से कम हमारी बेटी की जिंदगी सुख से
!! कटेगी ,
!! अगर बेटे वालो का फर्ज है की आपकी बेटी को खुश !!
!! रखे तो बेटी वालो का भी ये फर्ज हो होना चाहिए !!
!! की दामाद का भी ख्याल रखे !!
!! बहुत घरों मे देखा है मैने की लड़की के मायका !!
!! अमीर हैं लेकिन लड़की गरीबी में जी रही होती है !!
!! क्या शादी के बाद माँ बाप का प्यार कम हो जाता हैं !!
!! जब लड़की अपने मायके आती हैं तो !!
!! उसको दो जोड़ी कपड़ा दे कर विदा कर देते हैं !!
!! क्या इतना ही फर्ज होता है माँ बाप का !!
!! बेटे के लिए सब कुछ छोड़ जाते हैं !!
!! घर जमीन जायदाद!!
!! और बेटियों के लिए बस दो जोड़ी कपड़ा !!
! !फिर भी कुछ नही कहती हैं बेटियाँ !!
!! माँ बाप के इस दुनिया से जाने के बाद !!
!! सही मायने मे अनाथ तो बेटियाँ ही होती हैं !!
!! अब तो मायके में आने से भी कतराती हैं !!
!! भाई भाभी को मेरा आना बोझ ना लगे !!
!! अगर बेटी को बेटा के बराबर समझते है तो !!
!! उसे मायके में सिर उठा कर आने का हक दिजिये !!
!! मायके को अपना घर समझ कर आये !!
!! भाई भाभी के सामने लाचार बन कर ना रहे !!
धन्यवाद
मीना सिंह राठौर
नोएडा उत्तर प्रदेश ✍🏻