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19 Feb 2024 · 1 min read

सोचना नहीं कि तुमको भूल गया मैं

सोचना नहीं कि तुमको भूल गया मैं।
महज कुछ समय के लिए बिछुड़ गया मैं।।
आऊँगा तुमसे मिलने तुम्हारे शहर मैं।
महज कुछ समय के लिए बिछुड़ गया मैं।।
सोचना नहीं कि ———————–।।

कैसे भूलूंगा गलियां तेरे शहर की।
मुलाकातें प्यार की वो तेरे घर की।।
तेरी शरारत और तेरी रुलाई को।
मुझसे बचने की तेरी छिपाई को।।
सोचना नहीं कि ———————-।।

वादा किया है साथ उम्रभर निभाने का।
अपना प्यार मैंने अमर बनाने का।।
तुम्हें खोज लूंगा मैं इस जहाँ में।
जाने नहीं दूँगा तुम्हें किसी की बाँह में।।
सोचना नहीं कि ———————–।।

अभी तक है मेरे पास कल को लिखे खत।
पढ़ता हूँ इनको मैं मिलने पे फुरसत।।
तुमने भी पढ़ें हैं खत ये, हाथों से छीनकर।
भूला नहीं सकते मुझको, तुम भी चाहकर।।
सोचना नहीं कि ————————।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
215 Views
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