सोचता हूँ
कभी कभी सोचता हूँ कुछ शब्दों से परे!
हो कोई ऐसा भी जो बस खामोशी को समझे!!
हम तो सितारों की तमन्ना में रहे तुम तो चांद ठहरे!
आसमां से पूछा न परिंदो ने फासला जो कह दे!!
काश कभी दूरियां अपनी भी कम हो जाया करे!
बात दिल की गर यह चांदनी ही तुमसे कह दे!!
कामनी गुप्ता ***