सॉरी और थैंक्स ( क्षमा कीजिए और धन्यवाद ) का महत्व
प्यारे मित्रो ! , कभी भी ” सॉरी ” और ” थैंक्स ” का दामन मत छोडो। कोई आपका छोटे से छोटा काम भी करे के उसे ”धन्यवाद” कहने से मत चुको। और आप से बड़ी क्या छोटी सी भूल भी हो जाए तो ” सॉरी ” कहने से ना चुको। क्योंकि ” सॉरी ” कह देने से कोई छोटा नहीं होता। और ”धन्यवाद ” कह देने से आपका कुछ घट नहीं जाएगा। दोनो ही सूरत में किसी के दिल में आपके प्रति प्यार और सम्मान बढ़ेगा ही। तो इसमें आपका क्या जाता है? . बल्कि खता होने पर ”माफ करना” न कहने से आप ” घमंडी ” और अपने पर ऊपर करने वाले को ”धन्यवाद” न बोले पर आप ” एहसान फरामोश ”कहलोगे। क्या ये अच्छा है। याद रखें आप इसे नज़र-अंदाज़ भी कर दोगे तो क्या भगवान आपको नहीं देख रहा? इसीलिए एकबार ये दो प्रमुख शब्द (सॉरी या थैंक्स) अपनी जिंदगी में शामिल करके तो देखो। फिर देखो जीते जी आप स्वर्गिक आनंद महसस करोगे। दुआएं मिलेंगे ढेर सारी जो आपको जीवन-संघर्ष में काम आएगी। तो कृपया अपने खातिर और अपनों के खातिर ” सॉरी ” या थैंक्स ” को अपने जीवन का मूल-मंत्र बना लिजिये। और हां एक कुंजी शब्द और भी है ”कृपया”। ये शब्द भी आपको विनय भाव सिखाता है। आपको किसी की सहायता की ज़रुरत है तो ”कृपया” शब्द को सबसे पहले शामिल किजिये।
अपनी जिंदगी में ”सॉरी’, थैंक्स ” और ” प्लीज ” शब्द जिंदगी में शामिल करके तो देखिये। फिर देखिये इनका जादूई असर।