सैनिक
गाँव का एक जवान, देता यही पहचान
शहीद मेरा भाई औ, पिता मेरी शान है
कुछ नहीं घर मेरे, ताऊ और चाचा मेरे
भारत की सेना में ही, सीमा के जवान है
मैं भी कर्नल भाई, जनरल मेरा जमाई
बहिना भी सेना में है , घर में निशान है
वरदी है शान मेरी , लड़ना है जिद मेरी
बजे जब रणभेरी, यही तो इनाम है