सैनिक पर कविता
कविता
हरियाणा के लाडले न्य या धूम मचा राखी सै,
सीमा पै तैनात रह कर जान जोखिम ला राखी सै । टेक।
भारत माता का सपना हम साकार करके दिखावागें,
वो भी हो तूफान दुश्मनी पीछे कदम ना हटावागें,
छाती अपनी और वतन अपना दोनों का मान रखावागें,
माटी के लाल सा हम सब माटी का मान रखावागें,
भारत के वीर सपूतो सुन लो,ना आवाम दुःखी राखी सै,
सीमा पै तैनात रह कर जान जोखिम ला राखी सै।1।
भारत का सुख मेरा और माथे का श्रृंगार सै,
करे दुश्मनी कोई उसका भी नरसंहार सै,
आबरू हमें बचानी मां की यह मेरा संसार सै,
चमन हमारा पूरा देश मस्तिष्क का तारा सार सै,
दुश्मन अपने स्हामी बोल ज्या ना कसर कदे राखी सै,
सीमा पै तैनात रह कर जान जोखिम ला राखी सै।2।
गम नहीं कोई भी अगर मिल जाए वतन के लिए,
हम आजादी के परवाने हैं जिएंगे वतन के लिए,
अमन चैन की ज्योति जला सभी सुख वतन के लिए,
ना कभी सिलसिला खत्म हो मेरी हस्ती वतन के लिए,
हर रोज नया आगाज है और देश की इज्जत राखी सै,
सीमा पै तैनात रह कर जान जोखिम ला राखी सै।3।
हौसले बुलंद रहें और बल भुजाओं में रहे सदा,
शोक दुख त्यागकर अग्रसर बढ़ते रहे हम सदा,
दुर्गम पथ का भी हम डटकर सामना करें सदा,
खान मनजीत टकराकर भी शूल से आगे चलता है सदा,
वीर है वीर थे हमने भारत माता की सदा इज्जत राखी सै,
सीमा पै तैनात रह कर जान जोखिम में ला राखी सै।4।
©®
खान मनजीत भावड़िया मजीद
गांव भावड़ तहसील गोहाना सोनीपत हरियाणा
9671504409