*खंडित भारत हो गया ,मजहब का उन्माद (कुंडलिया)*
खंडित भारत हो गया ,मजहब का उन्माद (कुंडलिया)
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खंडित भारत हो गया ,मजहब का उन्माद
सैंतालिस में जो हुआ ,अब भी सबको याद
अब भी सबको याद ,पाशविकता थी छाई
अपनी थी जो भूमि ,टूट कर हुई पराई
कहते रवि कविराय ,प्रथकता हो अब दंडित
होगा अपना देश ,हिंद अब कभी न खंडित
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997 615451