सेहरा — शेरो शायरी
लो सज गए वो फिर से पहनकर सेहरा भी,
अरे कोई तो जाकर उन्हें हमारी याद दिलाये !
हम ख़ाक में मिल गए उनके एक इशारे पर
और वो है के कब्र पे हमारी फिर सेज सजाये !!
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डी के निवातिया
लो सज गए वो फिर से पहनकर सेहरा भी,
अरे कोई तो जाकर उन्हें हमारी याद दिलाये !
हम ख़ाक में मिल गए उनके एक इशारे पर
और वो है के कब्र पे हमारी फिर सेज सजाये !!
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डी के निवातिया