सेक्स का ज्ञान
सेक्स का ज्ञान
आधुनिक युग का है ये सवाल,
सेक्स की जानकारी सबके पास विशाल।
फिर भी क्यों न हो हम जागरूक,
क्यों है सेक्स एजुकेशन में रुचि मामूली?
शारीरिक संबंधों की है सबको चाह,
पर सेहत की समझ क्यों है इतनी धुंधली?
शरीर की जरूरतों को कैसे समझे,
जब ज्ञान का दीपक हो इतना मंद?
हर कोई है आतुर उस पल के लिए,
पर शारीरिक सेहत का क्यों न हो भान?
किसी और के संग अपना सुख ढूंढे,
पर खुद को और अपने साथी को कब समझे?
शरीर है मंदिर, दिल की धड़कन,
जरूरी है उसे स्वस्थ और सुंदर बनाना।
सेक्स है हिस्सा इस जीवन का,
पर जरूरी है सही ज्ञान का साथ देना।
मस्तुरबेशन या हो कोई भी पल,
जरूरत है सही समझ की, बस इतना सा हल।
शरीर, मन और आत्मा का मिलन,
सिर्फ तभी हो पाएगा जब हो शिक्षा का बल।
संबंध हो स्वस्थ, रिश्ता हो मजबूत,
लंबे समय तक साथ देने के लिए,
आओ अपनाएं सेक्स एजुकेशन को,
जो हमें सही दिशा में ले जाए,
और हमारे जीवन को बनाए सुगम।
यह कविता सेक्स एजुकेशन के महत्व को समझाने के लिए बनाई गई है।