सेकंड हैंड दिल
बारिश की फुहारें,
मीलों लंबी ड्राइव
और हर इक मोड़
के साथ खुद में
सिमटता झिझकता
इश्क़,
कार के शीशे से
पीछे छूटती सड़क,
साथ चलते
वो दूर वाले पेड़
और किनारों से सटी
दौड़ती पहाड़ियाँ,
सारे रंग
आंखो के संग
कैमरे में उतारती मैं,
और मुझे आंखों में
उतारते तुम,
हमारे चेहरों को
चूमती हवा और
मेरे बिखरते
बालों को सहेजने
की कोशिश करती
तुम्हारी उंगलियां,
पलों के ठहराव में
बार बार
मेरी ओर देखते तुम,
मानो आंखो से कहते
कि तुम्हारी कार भी
तुम्हारी तरह है
सौ फीसदी
भरोसेमंद,
मैं पढ़ती
तुम्हारी आंखें,
हंसती
तुम्हारी मासूमियत पर
और तुम्हारी हथेलियां
अपनी हथेलियों
से जोड़ती,
मानो कहती
कि हां
मैं जानती हूं…
तुम्हें भी और तुम्हारी
कार को भी,
इतना सुनते ही
तुम हंस पड़ते
क्यूंकि तुम्हारी कार
सेकंड हैंड है
ठीक मेरे दिल
की तरह,
फिर हम दोनों
साथ हंसते,
खूब हंसते.
15/03/20
रिया ‘प्रहेलिका’
#riyagupta