सेंगोल और संसद
समय सृजन का है
एकबार फिर विरासत के गढ़न का है
भारतवर्ष की जागती धरती का विशाल गर्भ
साक्षी रहा है
आरंभ से गौरवशाली कालखण्ड का
वैश्विक सत्ता के नक्शे पर
सबसे बड़ा लोकतंत्र अपना भरतवंश
जहां समाज का आखिरी व्यक्ति
है आज प्रथम
सत्ता के शीर्ष पर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का अमृत काल
एकतरफ
भारतवर्ष की सांस्कृतिक-धार्मिक पन्नों के बिखरे हिस्सों को नव उष्मा से गढ़ रहा
तो दूसरी तरफ
लोकहित में हर पल भारत
आधुनिकता की कसौटी पर सक्षम निर्माण
पर नक्शे में प्राचीन भारतीय वास्तु-शिल्प की उर्जा का अद्भुत संयोजन भी देख रहा
आज निष्पक्ष राजधर्म का ऐतिहासिक प्रतीक
सेंगोल
जब श्रद्धा-हवन के बीच
सुर्योदय की नव उर्जा में नहाकर
विश्वास से भारतीप संसद के नये भवन में
विराजमान होगा
तो जी उठेगा एकबार फिर से
लोकहित और राष्ट्र प्रथम पर केंद्रित
ऐतिहसिक चोल साम्राज्य का
अद्भुत
न्यायसंगत सत्ता संयोजन
तो दूसरी तरफ
कह उठेगा लोकतंत्र के इस मंदिर से
प्रवेश करते हर आहट से
याद रहे
राजधर्म के आवरण को पूरा करता राष्ट्र-धर्म
हाँ राष्ट्र-धर्म
भारतीय विरासत का नव अध्याय हमारी नयी संसद
प्राचीन वास्तुशिल्प की नींव पर जगमग साथ ही
आधुनिक तकनीक से भरपुर है
संसद भवन के निर्माण में शामिल हर-एक
आप-सभी समर्पित हाँथों का वंदन
वंदन करो भारत
गढ़ने वाले को अधिकार है उद्घोष का
आरंभ में रहा
मध्य में रहा
वर्तमान में रहा
बधाई पीएम
बधाई आपको आदरणीय नरेंद्र मोदी जी !
जयहिंद
जय जननी
दामिनी नारायण सिंह 🖋©️