— सूरज नही छुप सकता —
वकत बदलता है
बदलता ही रहेगा
बेशक कितना ढक लो
सूरज निकलता ही रहेगा
मंदिर क्या दबा दिए
धरती के सीने में
खुद को शहंशाह
मान लिया फरेबिओं ने
जिस ने चाहा भला देश का
उस ने ही परचम लहराया
राम मंदिर के संग संग
आज काशी पर डमरू बजाया !!
उभरेगा हिन्दुस्तान विश्व पटल
पर इतिहास अब बनाएगा
सूरज की भांति भारत
विश्व में जगमगायेगा !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ