Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jun 2021 · 1 min read

सूरज चाचा ! गुस्सा मत खाओ ।

सूरज चाचा तुम कैसे निष्ठुर हो,
बैठते क्यों नहीं आराम से घर में।

अपनी गर्मी चाची को दिखाओ,
निकाल देगी सारी अकड़ पल में।

धरती वासियों पर आग उगलते हो,
रहम नहीं जरा सा भी तुम्हारे मन में।

बरखा रानी को कैद कर रखा है,
काले बादल भी हैं तुम्हारे ही वश में।

हवाएं आलसी हो गई है चलती नहीं,
और गर चले भी ताव खाती है गर्मी में।

धरती बंजर होती जा रही है देखो जरा ,
पानी नहीं बचा किसी भी जलस्रोतों में।

माना की प्रकृति और मानव जीवन हेतु,
तुम्हारा जलते रहना बहुत जरूरी है सच में।

तुमसे उजाले मिलते है और शक्ति भी ,
जीवन ऊर्जा का संचार होता कण कण में।

तुम खुद जलकर जग को रोशनी देते हो ,
हर पल नई ऊर्जा भरते हो हमारे जीवन में।

हम तुम्हारी महानता को नमन करते है,
तुम्हारे उपकारों के ऋणी रहेंगे हर जन्म में।

मगर फिर एक करबद्ध विनती करते हैं ।
हमारे खातिर कुछ तो कमी करो तापमान में।

Language: Hindi
3 Likes · 4 Comments · 513 Views
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all

You may also like these posts

3799.💐 *पूर्णिका* 💐
3799.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मसीहा उतर आया है मीनारों पर
मसीहा उतर आया है मीनारों पर
Maroof aalam
बचपन में…
बचपन में…
पूर्वार्थ
होर्डिंग्स
होर्डिंग्स
अंकित आजाद गुप्ता
तुम्हारा मेरे जीवन में होना
तुम्हारा मेरे जीवन में होना
भगवती पारीक 'मनु'
माता शारदा
माता शारदा
Rambali Mishra
रेत और रेगिस्तान के अर्थ होते हैं।
रेत और रेगिस्तान के अर्थ होते हैं।
Neeraj Agarwal
कृषक-किशोरी
कृषक-किशोरी
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
राजनीति और वोट
राजनीति और वोट
Kumud Srivastava
समस्त जगतकी बहर लहर पर,
समस्त जगतकी बहर लहर पर,
Neelam Sharma
कविता: सपना
कविता: सपना
Rajesh Kumar Arjun
दम उलझता है
दम उलझता है
Dr fauzia Naseem shad
मंगल छंद , धार छंद , पंक्ति छन्द
मंगल छंद , धार छंद , पंक्ति छन्द
Subhash Singhai
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वह हमारा गुरु है
वह हमारा गुरु है
gurudeenverma198
" ना जाने "
Dr. Kishan tandon kranti
"" *मौन अधर* ""
सुनीलानंद महंत
*छॉंव की बयार (गजल संग्रह)* *सम्पादक, डॉ मनमोहन शुक्ल व्यथित
*छॉंव की बयार (गजल संग्रह)* *सम्पादक, डॉ मनमोहन शुक्ल व्यथित
Ravi Prakash
Sharing the blanket
Sharing the blanket
Deep Shikha
गूंजेगा नारा जय भीम का
गूंजेगा नारा जय भीम का
Shekhar Chandra Mitra
तीन हाइकु
तीन हाइकु "फिक्र"
अरविन्द व्यास
प्रेम की पराकाष्ठा
प्रेम की पराकाष्ठा
Laxmi Narayan Gupta
आवाज मन की
आवाज मन की
Pratibha Pandey
नन्ही
नन्ही
*प्रणय*
कच्चे धागों से बनी पक्की डोर है राखी
कच्चे धागों से बनी पक्की डोर है राखी
Ranjeet kumar patre
इश्क हम उम्र हो ये जरूरी तो नहीं,
इश्क हम उम्र हो ये जरूरी तो नहीं,
शेखर सिंह
मन का जादू
मन का जादू
Otteri Selvakumar
सर्दी
सर्दी
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
"मानव-धर्म"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ସଦାଚାର
ସଦାଚାର
Bidyadhar Mantry
Loading...