सूरज चाचा ! क्यों हो रहे हो इतना गर्म ।
सूरज चाचा ! क्यों हो रहे हो इतना गर्म ।
कुछ तो अपना व्यवहार रख लो नर्म ।
हम धरतीवासी! हैं तो आखिर तुम्हारी संतान ,
क्यों हमारी आहें छू नहीं पाती तुम्हारा मर्म ।
सूरज चाचा ! क्यों हो रहे हो इतना गर्म ।
कुछ तो अपना व्यवहार रख लो नर्म ।
हम धरतीवासी! हैं तो आखिर तुम्हारी संतान ,
क्यों हमारी आहें छू नहीं पाती तुम्हारा मर्म ।