Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jun 2021 · 1 min read

सूरजपाल

श्रद्धैय सूरजपाल चौहान जी को समर्पित
……….. गीत………
एक और इंकलाब चला गया।
कलम का सिपाही चला गया।।
जो डरा नहीं ,कभी झुका नहीं।
एक ऐसा योद्धा चला गया ।।
शब्दों का शिल्पकार था वो।
लेकर आंदोलन चला गया ।।
डरता था जिससे मनुवाद।
ऐसा अनुवाद चला गया।।
मैं दिल में हूं ,धड़कन में हूं ।
वो ऐसा लिख कर चला गया।।
तुम रहना एक, तुम दिखना एक।
ऐसा कहकर वो चला गया ।।
वो बुद्ध मानने वाला था।
अंबेडकरवादी चला गया ।।
यह कमी खलेगी सदियों तक ।
एक सिपाही कलम का चला गया।।
सूरज सा तेज था चेहरे पर।
सूरजपाल चौहान चला गया।।
सागर है दर्द बड़ा दिल में।
एक दिशा निर्देशक चला गया।।
=========
जनकवि/ बेखौफ शायर
डॉ. नरेश कुमार “सागर”
ग्राम- मुरादपुर, सागर कॉलोनी, जिला, हापुड
इंटरनेशनल साहित्य के अवार्ड से सम्मानित

Language: Hindi
Tag: गीत
371 Views

You may also like these posts

आँखे हैं दो लेकिन नज़र एक ही आता है
आँखे हैं दो लेकिन नज़र एक ही आता है
शेखर सिंह
हम करें तो...
हम करें तो...
डॉ.सीमा अग्रवाल
गिनती
गिनती
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वो नींदें उड़ाकर दगा कर रहे हैं।
वो नींदें उड़ाकर दगा कर रहे हैं।
Phool gufran
- रिश्तों से कंगाल हु -
- रिश्तों से कंगाल हु -
bharat gehlot
बेचारा दिन
बेचारा दिन
आशा शैली
भिखारी कविता
भिखारी कविता
OM PRAKASH MEENA
बदलाव
बदलाव
Shyam Sundar Subramanian
खो जानी है जिंदगी
खो जानी है जिंदगी
VINOD CHAUHAN
तुम्हीं  से  मेरी   जिंदगानी  रहेगी।
तुम्हीं से मेरी जिंदगानी रहेगी।
Rituraj shivem verma
क्योंकि हमको है तुमसे प्यार इतना
क्योंकि हमको है तुमसे प्यार इतना
gurudeenverma198
4659.*पूर्णिका*
4659.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हम बैठे हैं
हम बैठे हैं
हिमांशु Kulshrestha
नर से नारायण
नर से नारायण
Pratibha Pandey
सुरभित - मुखरित पर्यावरण
सुरभित - मुखरित पर्यावरण
संजय कुमार संजू
इम्तिहान
इम्तिहान
Saraswati Bajpai
कौन हूं मैं?
कौन हूं मैं?
Rachana
प्रेमामृतम
प्रेमामृतम
Rambali Mishra
*आवारा कुत्ते हुए, लोभी नमकहराम (कुंडलिया)*
*आवारा कुत्ते हुए, लोभी नमकहराम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कब तक छुपाकर रखोगे मेरे नाम को
कब तक छुपाकर रखोगे मेरे नाम को
Manoj Mahato
"बुराई की जड़"
Dr. Kishan tandon kranti
★महाराणा प्रताप★
★महाराणा प्रताप★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
चांद सूरज भी अपने उजालों पर ख़ूब इतराते हैं,
चांद सूरज भी अपने उजालों पर ख़ूब इतराते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चढ़ते सूरज को सदा,
चढ़ते सूरज को सदा,
sushil sarna
हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
कवि दीपक बवेजा
हिस्से की धूप
हिस्से की धूप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Vo yaad bi kiy yaad hai
Vo yaad bi kiy yaad hai
Aisha mohan
ঈশ্বর কে
ঈশ্বর কে
Otteri Selvakumar
ईमानदारी का इतिहास बनाना है
ईमानदारी का इतिहास बनाना है
Sudhir srivastava
Loading...