सूने सूने गीत है आज
सूने सूने गीत है आज
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सूने सूने गीत है आज,
सूने सूने सब है साज।
लता के संग खो गई ,
भारत की है आवाज।।
गूंज रही है आपकी,
कण कण में आवाज।
हे ! भारत की कोकिला,
हमको तुम पर है नाज़।।
आंखों में अश्रु की धारा,
स्वर हो गए है बेजान।
सुनने के बेताब हो रहे
हमारे अब दो ये कान।।
जब जब तेरे गीत बजेंगे
तुमको करेंगे लोग याद।
तुमने गीतो को दी है,
एक अच्छी बुनियाद।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम