सूखी-नदिया
नदिया तू जो बहती थी,
इंसानों से क्या रूठ गई ?……
कल- कल करके गाती थी,
कैसे आज तुम सूख गई ।
नदिया तू जो……….. ।।१।
टेढ़ी-मेढ़ी गलियों से तू,
हंँसकर गुजरा करती थी ।
नदिया तू जो …….।।२।
खेतों में खुशहाली ,
अमृत दे कर लाती थी ।
नदिया तू जो…….।।३।
खून-पसीने में डूबे हुए ,
लोगों की प्यास बुझाती थी।
नदिया तू जो ……..।।४।
पगडंडी में तू सिमट गई,
सागर तक बहती जाती थी ।
नदिया तू जो ……..।।५।
कहीं पर तू भयावह दिखती,
ताल-तलैया भरती थी ।
नदिया तू जो………।।६।
जीवन पथ पर बढ़ती थी,
पर आज तू विलीन हुई।
नदिया तू जो……….।।७।
हा-हा कार मचा है अब,
अस्त-व्यस्त है जनजीवन।
नदिया तू जो……….।।८।
???
#बुद्ध प्रकाश; मौदहा (हमीरपुर) ।