रोशनी का रखना ध्यान विशेष
बेटी
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
☎️ फोन जब तार से बंधा था, आदमी आजाद था.. जब से फोन तार से आ
एक महिला तब ज्यादा रोती है जब उसके परिवार में कोई बाधा या फि
तेवरी इसलिए तेवरी है [आलेख ] +रमेशराज
सिर्फ़ शिकायत करते हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
तेरे दिल की आवाज़ को हम धड़कनों में छुपा लेंगे।
न जाने वो कैसे बच्चे होंगे
दिखावा कि कुछ हुआ ही नहीं
इन हवाओं ने भी बहुत ही लंबा सफ़र तय किया है,
पढी -लिखी लडकी रोशन घर की
“आखिर मैं उदास क्यूँ हूँ?
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आपको डुबाने के लिए दुनियां में,
भाल हो
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
Bundeli Doha pratiyogita 142
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'