सुहावनी शाम
देखों देखों दूर गगन,
चमके चंदा हो मगन,
उड़ रहें पंछी प्यारे,
देखों कितने हैं सारे,
सुन उनकी चहचाहट,
दूर होती सब घबराहट,
पवन कर रहीं हैं शोर,
रवि छुपने चला छोर,
कितनी सुहावनी शाम,
आओ यह पल ले थाम,
चमकने लगे टिमटिम तारे,
देख इनको गम भी हारे,
—–जेपीएल