Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jul 2021 · 3 min read

* सुहानी साँझ*

* सुहानी साँझ*

खाँसी के कारण नींद नहीं आ रही थी, तो बिस्तर से उठ कर लीविंग रूम में चहल-कदमी करने
लगे। महानगर में वो खुले खुले दालान, सेहन कहाँ मिलते है। फ्लैट में तो बरांड़ा, हाल -रूम,
ड्राईंग-रूम सबका काम ये लीविंग-रूम ही देता है। दीनानाथ जी को कुछ सुकून था तो बस यही
कि वो अपने बेटा बहु के साथ थे। आज खांसीं कुछ ज्यादा ही परेशान कर रही थी। चहल-कदमी करते करते उन्हें बेटा नितिन व बहु नीरा के कमरे से दोनों की बात करने की आवाज सुनाई दी। अपना नाम सुन कर बरबस ही उनका ध्यान उधर चला गया। नितिन नीरा को कह रहा
था —” बाऊ जी को सुबह वृद्ध आश्रम ले के जाना है। अब सो जाओ, सुबह जल्दी उठ कर तैयार हो जाना। मैं वहीं से आफिस चला जाऊँगा।” दीनानाथ जी के मन में जैसे कुछ दरक सा
गया था। सोचा बेटा-बहु के कहने पर वो अपना छोटा शहर छोड़ कर यहां क्यों चले आये ?
उन्हें अपना यहां आना ठीक नहीं लग रहा था।
क्या इसी दिन के लिये इंसान सारी उम्र मेहनत करता है। सन्तान की इच्छानुसार े उन्हें कामयाब करने को धनोपार्जन के लिये जी तोड़ मेहनत करते करते कब जीवन की साँझ आ घेरती है पता भी नहीं चलता। बच्चे मनचाही मंजिल वजीवन साथी पा दूर बसेरा कर लेते हैं। अकेलापन, उदासी व वृद्धावस्था की बीमारियां आ घेरती है। रिटायर्मैंट के कुछ बर्ष बाद ही पत्नी का देहावसान होने से दीनानाथ जी नितांत अकेले हो गये थे। अकेलापन दुस्सह हो गया था।
इन्हीं विचारों में खोये हुये रात बीत गई। थक कर वो बिस्तर पर लेट गये।
नितिन बाऊ जी के लिए चाय रख कर जल्दी तैयार होने को कह खुद भी तैयार होने चला गया। बाऊ जी तैयार होकर आए तो बहु नीरा नेपाली नौकर से गाड़ी में सामान रखवा रही
रही थी। दीनानाथ जी ने सोच लिया था कि वो उनका कुछ सामान नहीं लेंगे उनके अपने दो-चार जोड़े पुराने कपड़े ही बहुत हैं।सभी गाड़ी में बैठ चुके थे। रास्ते में पड़ने वाले मंदिर के बाहर सभी उतरने लगे तो वो भी अनमने मन से उतर गए।मन ही मन बुदबुदाय — हुंह्ह्….मंदिर….।
एक फीकी सी मुस्कराहट उनके चेहरे पर फैल गई। थोड़ी देर में सभी फिर गाड़ी में आ बैठे।
वृद्ध-आश्रम आ गया था। सभी उतरे, नीरा सामान उतरवाने लगी, नितिन मैनेजर के रूम की तरफ बढ़ गया। उदास मन बाऊ जी नितिन के पीछे पीछे चल पड़े। हृदय के दर्द ने बुढापे की चाल को और मंदा कर दिया था। उनके पंहुचते ही मैंनेजर ने खड़े होकर उनका स्वागत कर नमस्कार किया ” जन्म दिन मुबारक हो दीनानाथ जी।” वो जब तक कुछ समझ पाते बहु व बेटे नितिन ने एक साथ आकर बाऊ जी के चरण स्पर्श किये-” जन्म दिन मुबारक हो बाऊ जी, आपकी छत्रछाया सदैव हम पर बनी रहे।” बूढ़ी आखों में जल भर आया। इस अप्रत्याशित खुशी से लड़खड़ा से गए वो गिर ही जाते यदि नितिन व नीरा स्फुर्ति से उन्हें सहारा
देकर कुर्सी पर न बिठाते।
मैंनेजर ने पानी का गिलास थमाया। पानी पीकर कुछ राहत सी मिली। कुछ देर पहले का दुखी मन फूल सा खिल गया था। उन्हें अब सुहानी सांझ का अहसास होने लगा था।
थोड़ी देर बाद वो अपने बेटा-बहु के साथ मिलकर साथ लाया सामान कपड़े, शॉल, फल व बुजुर्गों की जरूरत की दवाईयां बाँट रहे थे।
—–राजश्री——

4 Likes · 6 Comments · 485 Views

You may also like these posts

एक हम हैं कि ख्वाहिशें,चाहतें
एक हम हैं कि ख्वाहिशें,चाहतें
VINOD CHAUHAN
रोमांटिक होना छिछोरा होना नहीं होता,
रोमांटिक होना छिछोरा होना नहीं होता,
पूर्वार्थ
जिसनें जैसा चाहा वैसा अफसाना बना दिया
जिसनें जैसा चाहा वैसा अफसाना बना दिया
Sonu sugandh
गौतम बुद्ध के विचार --
गौतम बुद्ध के विचार --
Seema Garg
गिरगिट बदले रंग जब ,
गिरगिट बदले रंग जब ,
sushil sarna
*An Awakening*
*An Awakening*
Poonam Matia
सिर्फ तुम
सिर्फ तुम
Rambali Mishra
प्रेम पल्लवन
प्रेम पल्लवन
Er.Navaneet R Shandily
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
Swami Ganganiya
विश्वासघात से आघात,
विश्वासघात से आघात,
लक्ष्मी सिंह
हयात कैसे कैसे गुल खिला गई
हयात कैसे कैसे गुल खिला गई
Shivkumar Bilagrami
बदल रहा परिवेश
बदल रहा परिवेश
महेश चन्द्र त्रिपाठी
" नयी दुनियाँ "
DrLakshman Jha Parimal
भक्ति गीत (तुम ही मेरे पिता हो)
भक्ति गीत (तुम ही मेरे पिता हो)
Arghyadeep Chakraborty
"महान लोग"
Dr. Kishan tandon kranti
अदरक वाला स्वाद
अदरक वाला स्वाद
गुमनाम 'बाबा'
ये मतलबी दुनिया है साहब,
ये मतलबी दुनिया है साहब,
Umender kumar
चन्द्रयान -3 का कीर्तिमान
चन्द्रयान -3 का कीर्तिमान
Sushma Singh
संस्कारी बच्चा-   Beby तुम बस एक साल रह लो कुॅवांरी,
संस्कारी बच्चा- Beby तुम बस एक साल रह लो कुॅवांरी,
Shubham Pandey (S P)
जीवन की परिभाषा क्या ?
जीवन की परिभाषा क्या ?
Dr fauzia Naseem shad
देह से देह का मिलन दो को एक नहीं बनाता है
देह से देह का मिलन दो को एक नहीं बनाता है
Pramila sultan
एक नया रास्ता
एक नया रास्ता
Bindesh kumar jha
इंसान बनाम भगवान
इंसान बनाम भगवान
Khajan Singh Nain
Tuning fork's vibration is a perfect monotone right?
Tuning fork's vibration is a perfect monotone right?
Chaahat
"सुनो एक सैर पर चलते है"
Lohit Tamta
3774.💐 *पूर्णिका* 💐
3774.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मु
मु
*प्रणय*
प्रदूषण
प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
न्यायप्रिय होना अनिवार्य है क्योंकि जो न्यायप्रिय है,वही कुद
न्यायप्रिय होना अनिवार्य है क्योंकि जो न्यायप्रिय है,वही कुद
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
"बात अंतस की"
ओसमणी साहू 'ओश'
Loading...