Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Apr 2024 · 1 min read

सुविचार

सुविचार
कठिन समय में जब मन से
धिरे से आवाज आती है कि
”सब अच्छा होगा,,
वहीं आवाज परमेश्वर की होती है ।

243 Views

You may also like these posts

जल्दबाजी में कई बार ‘जलेबियां' बंट जाती है !
जल्दबाजी में कई बार ‘जलेबियां' बंट जाती है !
सुशील कुमार 'नवीन'
चाहे अकेला हूँ , लेकिन नहीं कोई मुझको गम
चाहे अकेला हूँ , लेकिन नहीं कोई मुझको गम
gurudeenverma198
बेटी
बेटी
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
वो पिता है साहब , वो आंसू पीके रोता है।
वो पिता है साहब , वो आंसू पीके रोता है।
Abhishek Soni
ऋषि का तन
ऋषि का तन
Kaviraag
पर्यावरण
पर्यावरण
Rambali Mishra
किसी से इश्क़ मत करना
किसी से इश्क़ मत करना
SURYA PRAKASH SHARMA
"औरत "
Dr. Kishan tandon kranti
आज 16नवंबर 2024   के दिन से मार्गशीर्ष माह की शुरुआत हो रही
आज 16नवंबर 2024 के दिन से मार्गशीर्ष माह की शुरुआत हो रही
Shashi kala vyas
अब तो आई शरण तिहारी
अब तो आई शरण तिहारी
Dr. Upasana Pandey
ज़िंदगी है,
ज़िंदगी है,
पूर्वार्थ
ଜାମ୍ୱାଇ
ଜାମ୍ୱାଇ
Otteri Selvakumar
काव्य का आस्वादन
काव्य का आस्वादन
कवि रमेशराज
ज़माना
ज़माना
अखिलेश 'अखिल'
सुन लो प्रिय अब किसी से प्यार न होगा।/लवकुश यादव
सुन लो प्रिय अब किसी से प्यार न होगा।/लवकुश यादव "अजल"
लवकुश यादव "अज़ल"
तलाशी लेकर मेरे हाथों की क्या पा लोगे तुम
तलाशी लेकर मेरे हाथों की क्या पा लोगे तुम
शेखर सिंह
नतीजों को सलाम
नतीजों को सलाम
Sunil Maheshwari
मजदूर है हम
मजदूर है हम
Dinesh Kumar Gangwar
4207💐 *पूर्णिका* 💐
4207💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*मौत आग का दरिया*
*मौत आग का दरिया*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"जय जवान-जय किसान" में "जय विज्ञान-जय अनुसंधान"
*प्रणय*
मोक्ष
मोक्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
दिल तोड़ कर मेरा
दिल तोड़ कर मेरा
लक्ष्मी सिंह
लेखन
लेखन
Sanjay ' शून्य'
भूल चूका हूँ सब कुछ बाबा- भजन -अरविंद भारद्वाज
भूल चूका हूँ सब कुछ बाबा- भजन -अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
तेरे मेरे प्यार की कविता
तेरे मेरे प्यार की कविता
Laxmi Narayan Gupta
नारी देह नहीं, देश है
नारी देह नहीं, देश है
Ghanshyam Poddar
आकांक्षाएं
आकांक्षाएं
Kanchan verma
वक़्त का समय
वक़्त का समय
भरत कुमार सोलंकी
खबर देना
खबर देना
Dr fauzia Naseem shad
Loading...