Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Oct 2023 · 1 min read

सुविचार

सुविचार
——()()()()()()()()()—-
विचार चाहे कितने भी
उत्तम क्यों ना हो,
वह सार्थक तभी माने जाते हैं,
जब उनकी झलक
व्यवहार में दिखती हैं
इन बातों को अवश्य
व्यवहार में लायें_

560 Views

You may also like these posts

हवा से भरे
हवा से भरे
हिमांशु Kulshrestha
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
*Treasure the Nature*
*Treasure the Nature*
Poonam Matia
!! मैं कातिल नहीं हूं। !!
!! मैं कातिल नहीं हूं। !!
जय लगन कुमार हैप्पी
हे गणपति श्रेष्ठ शुभंकर
हे गणपति श्रेष्ठ शुभंकर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"Go88 nổi bật với việc cung cấp dịch vụ casino chất lượng ca
Go88 - Địa Chỉ Tin Cậy Cho Các Tín Đồ Casino Tại Châu Á
3301.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3301.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
नभ के चमकते तारे तो बन गए ! प्रकाश सभी तारों में विद्धमान है
नभ के चमकते तारे तो बन गए ! प्रकाश सभी तारों में विद्धमान है
DrLakshman Jha Parimal
संविधान के पहरेदार
संविधान के पहरेदार
Shekhar Chandra Mitra
दोहे
दोहे
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दरख्त
दरख्त
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
*नारी हूं मैं*
*नारी हूं मैं*
ABHA PANDEY
कुंती का भय
कुंती का भय
Shashi Mahajan
एक सरल प्रेम की वो कहानी हो तुम– गीत
एक सरल प्रेम की वो कहानी हो तुम– गीत
Abhishek Soni
मैं तुम और हम
मैं तुम और हम
Ashwani Kumar Jaiswal
मुस्कुराए खिल रहे हैं फूल जब।
मुस्कुराए खिल रहे हैं फूल जब।
surenderpal vaidya
- कोई परिचित सा अपरिचित हुआ -
- कोई परिचित सा अपरिचित हुआ -
bharat gehlot
"फसलों के राग"
Dr. Kishan tandon kranti
सामाजिकता
सामाजिकता
Punam Pande
*आओ बैठो कुछ ध्यान करो, परमेश्वर की सब माया है (राधेश्यामी छ
*आओ बैठो कुछ ध्यान करो, परमेश्वर की सब माया है (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
ఇదే నా భారత దేశం.
ఇదే నా భారత దేశం.
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
चाँद कहा करता है
चाँद कहा करता है
seema sharma
😢
😢
*प्रणय*
अपने किरदार में
अपने किरदार में
Dr fauzia Naseem shad
ଆପଣ କିଏ??
ଆପଣ କିଏ??
Otteri Selvakumar
कायनात की हर शय खूबसूरत है ,
कायनात की हर शय खूबसूरत है ,
Neelofar Khan
ज़ख़्म ही देकर जाते हो।
ज़ख़्म ही देकर जाते हो।
Taj Mohammad
एहसास
एहसास
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मिनख रो नही मोल, लारे दौड़ै गरत्थ रे।
मिनख रो नही मोल, लारे दौड़ै गरत्थ रे।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
Loading...