सुलझायें अपने बीच के सब मसअले चलो
सुलझायें अपने बीच के अब मसअले चलो
थोड़ी सी दूर हाथ मेरा थाम के चलो
कुछ बात मुझसे तुम करो कुछ मैं तुम्हें कहूँ
अब खत्म चुप्पियों के करें सिलसिले चलो
अब दूर हो गई हैं गलतफहमियां सभी
मिट ही गये दिलों के सभी फासले चलो
मंज़िल को पाने के लिये रस्ते अनेक हैं
चुन राह लो सहीह जरा ध्यान से चलो
रोशन करें जहान मुहब्बत के नाम से
आओ जलायें ‘अर्चना’ दिल मे दिये चलो
26-06-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद