सुभाष चंद्र बोस
नमन आपको करती हूँ बारम्बार,
आपसा ना कोई हुआ दूजा,जाने सब संसार।
तेज तरार देशभक्त, आप सबसे निराले,
अंग्रेजी सत्ता की नींव को हिलाने वाले ।
आजाद हिंद फौज के संस्थापक,आप दिलेर,
‘नेता जी’ के नाम जाने जाते वीर शेर।
गाँधी जी,सुभाष जी दोनों आजादी के सेवक,
भारत माँ के सच्चे सपूत रहे सदा निर्भीक।
“तुम मुझे खून दो ,मैं तुम्हे आजादी दूँगा “,
अहिंसा वादी गाँधी जी से नेताजी अलग थे।
अंग्रेजों की गुलामी उन्हें मंजूर न थी ,
गाँधी जी से भी इसीलिए दरार पटी थी।
तरीका चाहे उनका अलग था ,
मंजिल पर दोनों की एक ही थी ।
स्वर्णिम योगदान नेता जी का,
स्वर्णिम अक्षरों में लिखित है।
देश का वीर चिराग बुझा विमान दुर्घटना में,
एक कहानी छोड़ गया स्वतंत्र भारत में।
नमन आपको आज भी ,करता हर भारतवासी ,
खून आपने ही खौलवाया जाने हर भारतवासी।
नीरजा शर्मा