सुबह – सुबह की सैर
सुबह – सुबह की सैर से, मिलता है आनंद।
आलस तन का भागता, मन होता स्वच्छंद।।
शुद्ध हवा हमको मिले, तन मन रहे निरोग।
जब नियमित व्यायाम हो ,आए कभी न रोग।।
सुबह – सुबह की धूप में, विटामिन्स भरपूर।
तंदुरुस्त हम सब रहे , सैर करना जरूर।।
सब चिंताएं छोड़कर, मन को दे आराम।
होगा मन प्रसन्न तभी, जब करे व्यायाम।।
आज अभी से कीजिए, सुबह – सुबह की सैर।
सोच विचार न कीजिए, हो जाएगी देर।।
—- जेपी लववंशी, भोपाल मध्य प्रदेश