सुबह बहुत अच्छी लगती है
रात भर
एक अच्छी नींद सोकर
सुबह उठो तो
सुबह बहुत अच्छी लगती है
रात को सोते समय
मन अगले दिन के लिए
छोटी बड़ी कुछ योजनाएं बनाता है
सुबह होने का इंतजार करता
दिनभर का थका हारा सो जाता है
सुबह आंख खुलते ही फिर
अपने कार्यों को पूरा करने में
जुट जाता है
दिन के उजाले में
एक फूल सा तरोताजा
महसूस करता
वह सांझ ढलने तक अपनी
जीवन रेखा पर अपने काम
निपटाता आगे बढ़ता जाता है
रात के बाद सुबह का
मिलना अपने आप में
एक नेमत है
यह सौभाग्य भी सबके
नसीब में नहीं होता
तन मन की क्षमता भी
उम्र के बढ़ने पर क्षीण होने
लगती है जैसे
हर सुबह के दीपक का
प्रकाश
सांझ होने तक धीरे धीरे
कम होता
रात होने पर बुझ ही जाता है
और एक इशारा करता है कि
अब थक गये हो
सो जाओ
कुछ सपने बुनो और
अगली सुबह की राह तको
उसका रात भर इंतजार करो
अपने तन की थकन और
मन की चुभन को
रात्रि विश्राम कर
अगली सुबह के लिए
एक नये सिरे से
फिर से तैयार करो लेकिन
अब सब कुछ बिसराकर
बस आराम करो।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001