सुबहो शाम फकीरों से घूमते है
सुबहो शाम फकीरों से घूमते है बाजार में
मिलेगे तो कितने में इमान है बिका पूछेगे
दिल की गली जाती कहाँ से किस ओर है
मिलेंगें कल जब हमसे उनसे पता पूछेगे
कत्ल ख़ंजर से नहीं निगाहों से ही हुआ है
खता कोन कोन सी ना हुई यह सजा पूँछेंगे
तू अगर मिल जायें हाल तेरा पूँछ लेगें
तुम्हारा दिल जेहन तलक क्यों दुखा पूँछेंगे
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