ऐसा तो हमने कभी सोचा नहीं
इन गज़लों का हुनर, तेरी आंखों की गुफ़्तुगू
मंजिल यूँ ही नहीं मिल जाती,
पूरा दिन जद्दोजहद में गुजार देता हूं मैं
******** प्रेरणा-गीत *******
प्रयास
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
याद दिल में जब जब तेरी आईं
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
आन-बान-शान हमारी हिंदी भाषा
रोटियों से भी लड़ी गयी आज़ादी की जंग
जिंदगी जिंदादिली का नाम है
हर महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि
హాస్య కవిత
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'