मिट जाए हर फ़र्क जब अज़ल और हयात में
रणबंका राठौड़
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
जब दरख़्त हटा लेता था छांव,तब वो साया करती थी
जयंती विशेष : अंबेडकर जयंती
शायद वह तुम हो जिससे------------
कभी ग़म से कभी खुशी से मालामाल है
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सावन
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
ये वक़्त कभी असुरक्षित करता है तो कभी सुरक्षित,
*"राम नाम रूपी नवरत्न माला स्तुति"
मेरा दिल अंदर तक सहम गया..!!
सावन की है ये पंचमी शुभयोग बना है,
Anamika Tiwari 'annpurna '