सुप्रभात
सुप्रभात
कभी शोला ,कभी शबनम, कभी अंगार होती है ।
कभी पाषाण सी निष्ठुर, सुमन -सुकुमार होती है ।
बदलता वक्त जब-जब है ,बदलती है अदाएं यह ,
कभी यह जिंदगी कश्ती ,कभी पतवार होती है ।।
डॉ . रागिनी इंदौर
सुप्रभात
कभी शोला ,कभी शबनम, कभी अंगार होती है ।
कभी पाषाण सी निष्ठुर, सुमन -सुकुमार होती है ।
बदलता वक्त जब-जब है ,बदलती है अदाएं यह ,
कभी यह जिंदगी कश्ती ,कभी पतवार होती है ।।
डॉ . रागिनी इंदौर