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25 Feb 2024 · 1 min read

सुप्रभात

सुप्रभात

कभी शोला ,कभी शबनम, कभी अंगार होती है ।
कभी पाषाण सी निष्ठुर, सुमन -सुकुमार होती है ।
बदलता वक्त जब-जब है ,बदलती है अदाएं यह ,
कभी यह जिंदगी कश्ती ,कभी पतवार होती है ।।

डॉ . रागिनी इंदौर

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