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4 Jan 2025 · 1 min read

*सुप्रभातम*

#मुक्तक-
■ बाधक बन गए।
[प्रणय प्रभात]
“आस्था की धज्जियां तब उड़ गईं,
ढोंग करते लोग साधक बन गए।
हमने जब सोचा किनारे पर चलें,
मील के पत्थर ही बाधक बन गए।।”
👌👌👌👌👌👌👌👌👌
●संपादक न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्य-प्रदेश)

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