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23 Oct 2020 · 1 min read

सुन लो यार

**** सुन लो यार *****
*******************

सुन लो यार हो गई शाम
प्रतीक्षा में हैं मय के जाम
पूरे हो गए होंगें सब काम
मिलते हैं कहीं बीच मुकाम

मिल कर पूरे करें अरमान
सारे दिन की भूल थकान
हाकेंगे गप्पे बन के नादान
घर में नहीं खुलती जुबान

जिगरी यार जब मिलते हैं
दिल के बुझे दीप जलते हैं
मुरझाई दिल की बगिया है
सुहृदय में सुमन खिलतें हैं

ठिठोली होती,हिसाब नहीं
बातों का होता जवाब नहीं
बेइंतहा प्यार ,तकरार नहीं
होता आगाज, अंजाम नहीं

चलते है हाला के खूब जाम
मय जाम संग रंगीन हो शाम
बन जाते हैं सब बिगड़े काम
शराब संग शवाब जिक्र आम

दो घूँट मद्य का देखो कमाल
जब हो जाती हैं आँखे लाल
बिगड़ जाते है तब सुर ताल
अंग्रेजी का होता हैं बुरा हाल

प्रथम जाम में होता है श्रोता
द्वितीय में खा जाता है गोता
तृतीय में बन जाता है खोता
चतुर्थ में तो होश नहीं होता

सुरा में बदल जाते उनके सुर
होशो हवास हो जाती है फुर
मिलते नहीं फिर परस्पर सुर
सुनते नहीं,कहते हैं बन बेसुर

सचमुच वो पल होते अनमोल
जगत में नहीं होता कोई मोल
यारों के याराने का होता तोल
दोस्त दोस्ती दोस्ताना बेमोल
***********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
235 Views
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