सुन ले करुण पुकार
सुन लो करुण पुकार
कल कल बहती,जीवन देती थी
हुई आज बीमार,सुन लो करुण पुकार,
मात की सुन लो…
तट पर बिखरा,हतिहास का
गौरव तार तार,सुन लो करुण पुकार
मात की सुन लो….
जल जीवन है,विष न घोलो,
करो कोई उपचार,सुन लो करुण पुकार
मात की सुन लो….
जिसने तारे,पुत्र सगर के
वह माँगे उपकार,सुन लो करुण पुकार
मात की सुन लो……
भीष्म प्रतिज्ञा,लेकर अब तो
माँ का कर्ज उतार,सुन लो करुण पुकार,
मात की सुन लो…..
✍हेमा तिवारी भट्ट✍