सुन्दर स्वप्न सजाओ बच्चो
सुन्दर स्वप्न सजाओ बच्चो,
छुट्टी में इस बार।
पुस्तक बन कर तुम्हें पुकारें,
प्रेरक गाथायें।
आने वाले कल की बन कर,
उजली आशायें।
आगे तुम पर भी आना है,
कर्तव्यों का भार।
सुन्दर स्वप्न सजाओ बच्चो,
छुट्टी में इस बार।
पीटी उषा, सचिन, साईना,
कितने ही चेहरे।
आंधी-तूफां आने पर भी,
कभी नहीं ठहरे।
तुम में है जो प्रतिभा उसको,
देते रहना धार।
सुन्दर स्वप्न सजाओ बच्चो,
छुट्टी में इस बार।
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– राजीव ‘प्रखर’
मुरादाबाद