सुन्दर बाला
केश तेरे उलझे उलझे
मानो कृषक बाला है।।।।। १
नयन तेरे
लगते सीप में मोती डाला है ।।।।।२
होठो पे लगता
मानो यह मधुशाला है।।।।।।।३
कर्ण कुण्डल शोभित
जैसे हिरण के गले में माला हे।।।।।।४
मुख पे तेज
लगता स्वर्ण कलश की आवा।।।।।५
गले माल शोभित
लगती यह मधुबाला है। ।।।।।।६
मानो यह सुन्दरी नही
स्वर्ग लोक की बाला है।।।।।।।७