* सुन्दर झुरमुट बांस के *
* गीतिका *
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हर मौसम को सह जाते हैं सुन्दर झुरमुट बांस के
हर धरती पर उग आते हैं सुन्दर झुरमुट बांस के
मैदानी भागों से लेकर पर्वत वाली भूमि पर
सब लोगों को मन भाते हैं सुन्दर झुरमुट बांस के
ऊँचे ही बढ़ते रहते चाहत नभ छूने की बहुत
बादल से भी बतियाते हैं सुन्दर झुरमुट बांस के
यह पूरा जीवन दर्शन है पौधा ही मात्र नहीं
परहित ही उगते जाते हैं सुन्दर झुरमुट बांस के
खूब करें सबकी सेवा जिससे बीते कल भी सुखद
भाव यही तो दर्शाते हैं सुन्दर झुरमुट बांस के
जब भी रक्तिम बादल छा जाते हैं ऊषा काल में
परचम जैसे फहराते हैं सुन्दर झुरमुट बांस के
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य