सुन्दरी
मनहरणघनाक्षरी
सुन्दरी
चंद्रमुखी सी सूरत,
मन मोहिनी मूरत,
श्याम-श्याम अलकों का,
सिर पर जाल है।
कमसिन कामिनी है,
चन्द्रमा की चांदनी है,
काली-काली पलकें है,
मुख लाल-लाल है।
सोलह शिंगार किए,
नैनों की कटार लिए,
मधुशाला रूप तेरा,
अधरों का जाम है ।
झील जैसे नैना तोरे,
गाल तोरे गोरे- गोरे,
मरते गली के छोरे,
करती कमाल है
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश