सुन्दरता
सुंदरता (स्वर्णमुखी छंद/सानेट)
सुंदरता यदि पारदर्शिता।
मन को निर्मल होना होगा।
पापा वृत्ति को धोना होगा।
पारदर्शिता में सुन्दरता।
न्याय कभी पूर्वाग्रह मत हो।
सुन्दर मन का सावन होगा।
सरिता का जल पावन होगा।
गलत कृत्य का आग्रह मत हो।
अति सुन्दर लगता सच्चा मन।
भावों में भोले शंकर हों।
शुद्ध प्राण वायु मन्तर हो।
तभी दिखेगा प्रिय वृंदावन।
जब नैतिकता हो उत्कर्षित।
सुन्दरता होगी आकर्षित।।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।