सुनो हे इंद्रप्रस्थ सरकार !
सुनो हे इंद्रप्रस्थ सरकार!
अब महंगाई है अपरंपार
रोटी.दाल औ सब्जी सब
पर महंगाई का भूत सवार
डीजल.पेट्रोल के मूल्य कर
रहे हैं सबका जीना दुश्वार
दीनदयाल की कसम तुम्हें
लो जन जन को अब उबार
सुनो हे इंद्रप्रस्थ सरकार !
सत्ता पर आने के पहले
विविध संकल्प दोहराए
ना जाने किस मजबूरी में
सबपे संशय के मेघ गहराए
अर्थव्यवस्था की नौका अब
फंसी दिखती बीच मझधार
सुनो हे इंद्रप्रस्थ सरकार!
देशवासियों के अरमानों
को कैसे कैसे पंख लगाए
पर नीतियों रीतियों पे दिखते
हैं बस पूंजीवाद के साए
राष्ट्र सबल. जन जन समृद्ध
हो यही वक्त की प्रबल पुकार
सुनो हे इंद्रप्रस्थ सरकार !