सुनो सुनो विनती माँ मेरी
सुनो सुनो विनती माँ मेरी, सुनो सुनो विनती माँ मेरी।
मुझको पास बुला लो माँ, गले से अपने लगा लो माँ।
सुनो सुनो विनती माँ मेरी….२
झर-झर बहते आँख से आंसू, रोता है मन मेरा।
सारे जग को ठुकरा कर माँ, द्धार हैं ढूढ़ा तेरा।
सुनो सुनो विनती माँ मेरी….२
तेरे आँचल में हैं मैया, तीन लोक की माया,
सृष्टि के हर जीव है तुझसे, सो पाया ।
सुनो सुनो विनती माँ मेरी…..२
मेरे जीवन में गम है माँ, दिल में दर्द भरा है,
कोई ना समझा माँ मुझको, शरण तेरे तब आया।
सुनो सुनो विनती माँ मेरी…..२
सुख-दुःख तेरे हाथो में, कर दे उजाला रातो में,
मेरी नयना तरस रही माँ, ममता तो बरसा दे माँ।
सुनो सुनो विनती माँ मेरी……२
शक्ति-कर्म और धीरज मन का, तुझसे है सब लेना,
खाली झोली तड़प रही है, डाल ना मुझको देना।
सुनो सुनो विनती माँ मेरी…..२
मुझको तू ठुकराना ना, भटके को भटकाना ना,
तेरे शरण में आया मैया, दूर हमे ना करना माँ ।
सुनो सुनो विनती माँ मेरी…..२
दिल से यादे उसकी मिटा दे, मुझको तू अपना बना ले,
तड़पा हूँ माँ प्यार बिना, अब तू माँ का प्यार दे दे।
सुनो सुनो विनती माँ मेरी……२
तेरे खजाने में जगजननी, अष्ट सिद्धि नव माया,
तेरे दर देव भी आके, जो माँगा सो पाया ।
सुनो सुनो विनती माँ मेरी…..२
श्रीधर ध्यानु तेरे दर पर, आकर दर्शन पाया,
मैं भी खड़ा हूँ दर तेरे, दुःख सन्ताप तू हर मेरे।
सुनो सुनो विनती माँ मेरी….२
आँखों से आशू सुख गए माँ, जीवन फूल मुरझा गए माँ,
दर्शन देके मुझको मैया, अपनी गोदी उठा लो ।
सुनो सुनो विनती माँ मेरी….२
हर तरफ से गम ही पाया, दिल में जख्म हैं मेरे,
सीने से अब लगा लो मैया, जख्म मरहम लगा,
तड़पा हूँ माँ प्यार बिना, अब माँ का प्यार तुम दे दो ।
सुनो सुनो विनती माँ मेरी…..२