सुनो सुनाऊं अनसुनी कहानी
सुनो सुनाऊं अनसुनी कहानी
ना कोई राजा है ना कोई रानी
प्रकृति का यूं ह्रास हो रहा
कम हुए खेत,पेड़ और पानी
सुनो सुनाऊं अनसुनी कहानी
विलुप्त हो रहे पेड़ निराले
पर्वत नदी घाटी और नाले
विलुप्त हुए पक्षी,वन के प्राणी
सुनो सुनाऊं अनसुनी कहानी
हुई वनों की बहुत कटाई
कहीं सड़क कहीं रेल बिछाई
नहीं दिख रही किसी को हानि
सुनो सुनाऊं अनसुनी कहानी
दो देशों में जंग है भारी
बरसे बम मानवता हारी
दोनों ही ने हार कब मानी
सुनो सुनाऊं अनसुनी कहानी
चलो विनोद एक पेड़ लगाएं
कुछ तो अपना फर्ज निभाएं
प्रकृति है अब हमें बचानी
ना कोई राजा ना कोई रानी