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7 Apr 2018 · 1 min read

सुनो सखी !!

सुनो सखी एक बात सुनाऊँ,
ध्यान लगाकर सुनना,
जरा कान लगाकर सुनना।

धमनियों में अब कहाँ यहाँ रक्त बहता है,
भष्ट्राचार हर एक नस-नस में पलता है,
आरक्षण भी अब दिमागों में ही रहता है,
बंद,हिंसा, तोड़फोड़ का धंधा अच्छा चलता है।

किताबें कौन यहाँ अब खोलकर पढ़ता है,
इंटरनेट,मोबाईल पे आजकल सबकुछ चलता है,
चीखों, चिल्लाओं नेता और मीडिया सबकुछ सुनता है,
कुछ देर तमाशा बाद कोई र्फक नही पड़ता है।

कौन है जो यहाँ किसी की सुनता है,
आम-आदमी इसी लड़ाई में भुनता है,
किसको पड़ी किसकी बहन, किसका भाई मरता है
सालों से मेरा देश ऐसे ही चलता है।

सुनो सखी एक बात सुनाऊँ,
कान लगाकर सुनना,
जरा ध्यान लगाकर सुनना।

#सरितासृजना

Language: Hindi
394 Views

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