सुना है नींदे चुराते हैं ख्वाब में आकर।
सुना है नींदे चुराते हैं ख्वाब में आकर।
लव वे वजह मुस्कुराते हैं ख्वाब में आकर।
अपनी तन्हाई कैसे बयां करूं मेरे हमदम।
मुझे वो खूब रुलाते हैं ख्वाब में आकर।।
Phool gufran
सुना है नींदे चुराते हैं ख्वाब में आकर।
लव वे वजह मुस्कुराते हैं ख्वाब में आकर।
अपनी तन्हाई कैसे बयां करूं मेरे हमदम।
मुझे वो खूब रुलाते हैं ख्वाब में आकर।।
Phool gufran