Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jul 2024 · 1 min read

दिल बचपन

*आज काश सबकी न सुनके,
सिर्फ मेरे दिल की सुन पाऊँ ।।
हक़ीक़त मे मै क्या हूँ ‘
आज यह आईने में देख पाऊँ ।।
बहुत रोज हो गए खुद से मिले हुए
आज खुद के घर भी तो जाऊँ ।
एक जमाना भर सा हो गया है सिर्फ ताने सुनते हैं ।।
आज जा के मै भी माँ की गौद में सो जाऊ।।
आज जा के मा की गौद मे सौ जाऊ।।
मुझे याद हैं वो माँ चक्की पीसती हुई मुझे सुलाती थी।
वो बिजली जाने पर नींद न टूटे झट पंखा ले आती थी।
वो हमारे साथ बैठ गुड धानी खाती थी
दो मील दो पानी के घड़ो के साथ मुझे गौद मे लाती थी।
अब तो लगता हैं की काश समय रूक जाता और मैं सब भूल जाउँ ।
काश मैं फिर से बच्चा हो जाऊ।।
काश मै फिर से बच्चा हो जाऊ
।।*

73 Views

You may also like these posts

मंदिर की नींव रखी, मुखिया अयोध्या धाम।
मंदिर की नींव रखी, मुखिया अयोध्या धाम।
विजय कुमार नामदेव
महादान
महादान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Empathy
Empathy
Otteri Selvakumar
*लटका कर झोला कंधे पर, घूम रहे हैं मेले में (गीत)*
*लटका कर झोला कंधे पर, घूम रहे हैं मेले में (गीत)*
Ravi Prakash
गुरुकुल शिक्षा पद्धति
गुरुकुल शिक्षा पद्धति
विजय कुमार अग्रवाल
★
पूर्वार्थ
राहें  आसान  नहीं  है।
राहें आसान नहीं है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कुम्भा सांगा उदयसिंघ, जलमया भल प्रताप।
कुम्भा सांगा उदयसिंघ, जलमया भल प्रताप।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
"इंसान"
Dr. Kishan tandon kranti
उसे तो आता है
उसे तो आता है
Manju sagar
जब इंस्पेक्टर ने प्रेमचंद से कहा- तुम बड़े मग़रूर हो..
जब इंस्पेक्टर ने प्रेमचंद से कहा- तुम बड़े मग़रूर हो..
Shubham Pandey (S P)
4518.*पूर्णिका*
4518.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🙅मतगणना🙅
🙅मतगणना🙅
*प्रणय*
सफ़र ए जिंदगी
सफ़र ए जिंदगी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
कलियुग है
कलियुग है
Sanjay ' शून्य'
नमन नमन वसुंधरा नमन नमन तुझे वतन
नमन नमन वसुंधरा नमन नमन तुझे वतन
Dr Archana Gupta
!! चुनौती !!
!! चुनौती !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
तुझमें कैसे रंग बस जाऊं, श्याम रंग तो खुद हैं मेरा।
तुझमें कैसे रंग बस जाऊं, श्याम रंग तो खुद हैं मेरा।
श्याम सांवरा
नववर्ष
नववर्ष
कुमार अविनाश 'केसर'
कौन मृदा में बसकर, रुचिकर अन्न उगाता ।
कौन मृदा में बसकर, रुचिकर अन्न उगाता ।
जगदीश शर्मा सहज
मुझे उन दिनों की बेफिक्री याद है कि किसी तोप
मुझे उन दिनों की बेफिक्री याद है कि किसी तोप
Ashwini sharma
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
Rj Anand Prajapati
वीर अभिमन्यु– कविता।
वीर अभिमन्यु– कविता।
Abhishek Soni
कैसी यह मुहब्बत है
कैसी यह मुहब्बत है
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मोमबत्ती की रौशनी की तरह,
मोमबत्ती की रौशनी की तरह,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ये कैसी आज़ादी
ये कैसी आज़ादी
Rekha Drolia
यह शोर, यह घनघोर नाद ना रुकेगा,
यह शोर, यह घनघोर नाद ना रुकेगा,
Kalamkash
भेदभाव का कोढ़
भेदभाव का कोढ़
RAMESH SHARMA
Sahityapedia
Sahityapedia
भरत कुमार सोलंकी
Loading...