सुनहरी स्मृतियां
एक दिन सब खत्म हो जाएगा
ये नश्वर शरीर भी तुम्हें छोड़ जायेगा
रह जायेगा बस तुम्हारी यादों का सफर
जो अपनों को तेरा अहसास दिलाएगा
बीत रहे हैं जो पल
बन जायेंगी यही यादें एक दिन
होंगे जब भी अकेले कभी
साथ निभाएंगी ये स्मृतियां एक दिन
जितनी अच्छी होंगी स्मृतियां
देगी तुम्हें खुशियां उतनी ही ज़्यादा
कटेगा बुढ़ापा इनके ही सहारे तेरा
कुछ उम्मीद न लगा इससे तू ज़्यादा
है क्यों इतना व्यस्त अभी
अपनों के लिए थोड़ा तो समय निकाल
तेरे अपने भी हो जायेंगे व्यस्त जब
यही यादें आयेगी तेरे काम तब
मिले जब भी मौका तुम्हें
अपनों संग मिलकर खूब ठहाके लगा
है तेरे दिल में प्यार उनके लिए
कभी तो तू वो प्यार उनको दिखा
होंगी जितनी मधुर ये स्मृतियां
उतना सुकून उन्हें याद करके मिलेगा
कुछ पल के लिए भूल जायेगा दर्द
जब वो पुराना वक्त याद आएगा।