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17 Aug 2021 · 1 min read

सुनने की आदत

सुनने की आदत,
मैंने सुना है,
जो जितने गहरे में सुनता है,
उतना ही अच्छा शिक्षक,चिकित्सक और पति होता है,
यह प्रथा टूट चुकी है.
प्रवचन,
भाषण,
विज्ञापन के कारण,
कथनी करनी में इतने बडे अंतर खडे हो गये,
सत्य की कसौटी असफल हो गई.
आजकल सुनना, स्वप्न देखना जैसे हो गया.
आँख खुली और टूट गया.

डॉक्टर महेन्द्र सिंह हंस

Language: Hindi
3 Likes · 3 Comments · 655 Views
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