सुनते नहीं मिरी बात देखिए
करने लगे हैं वो भी शिकायात देखिए
सुनते नहीं कभी जो मिरी बात देखिए
आ जायेगी समझ में कमी ख़ुद की आपको
खुद से कभी तो करके मुलाकात देखिए ।
दिल कर रहा है भीगें सजन दोनों साथ मेंं
मौसम की पहली पहली है बरसात देखिए ।
साँसों में घुल गईं हैं घड़ी भर में ख़ुशबुएंँ
कितनी हसीं ये प्यार की सौगात देखिए
फ़ुर्कत की घड़ियाँ हमसे तो काटे न कट रहीं
सदियों से लग रहे हैं ये लम्हात देखिए ।
आँगन में चाँदनी के नज़ारें हैं क्या गजब
इस पूर्णिमा की रात की सौगात देखिए ।
तारीफ़ मेरी आज है सबकी ज़ुबान पर
इस वाक़ये से मेरे तजुर्बात देखिए
हालात से दुखी है यहाँ आम आदमी
हर खास पर है उनकी इनायात देखिए ।
मुश्किल से हार मानके बैठा नहीं कभी
लड़ता रहा वो वक्त से जज़्बात देखिए ।
कोई किसी का हाथ बँटाता नहीं यहाँ
बिगड़े हुए हैं कितने ये हालात देखिए ।
मुश्किल सुधा है कितनी मेरी राहे– ज़ीस्त में
मालूम ही नहीं ये करामात देखिए ।
डा. सुनीता सिंह ‘सुधा’
वाराणसी