सुनकर चौदह बरस का
सुनकर चौदह बरस का, हुआ राम वनवास।
दुखी हुए संताप से,सब जन हुए उदास।
सब जन हुए उदास,घोर मातम सा छाया।
हृदय हुए गमगीन , गीत विरहन का गाया।
कहै अटल कविराय,गारियां देते चुनकर।
कृत्यकैकयी मात,हुए भौचक सब सुनकर।
सुनकर चौदह बरस का, हुआ राम वनवास।
दुखी हुए संताप से,सब जन हुए उदास।
सब जन हुए उदास,घोर मातम सा छाया।
हृदय हुए गमगीन , गीत विरहन का गाया।
कहै अटल कविराय,गारियां देते चुनकर।
कृत्यकैकयी मात,हुए भौचक सब सुनकर।